पोहे खाने से मजदूरों की पहचान के बयान पर सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस स्थिति स्पष्ट की। भास्कर से चर्चा में विजयवर्गीय ने कहा 'मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर बताया गया। मैंने यह कभी नहीं कहा कि पोहे खाने के कारण मैंने उनकी पहचान की। मैंने कहा था कि रात में थाली भरकर पोहे खाने का कारण पूछा तो मुझे ठेकेदार ने बताया था कि ये बंगाल के रहने वाले हैं। रात में पोहे ही खाते हैं। मैंने मजदूरों से यह पूछा कि वे बंगाल में किस जिले में रहते हैं तो वे नहीं बता पाए। जो जिस राज्य में रहता है, वहां अपने गृह जिले का नाम नहींं बता पाए यह कैसे संभव है। इसलिए मुझे शंका हुई थी। चूंकि मैं बंगाल के प्रभारी के तौर पर वहां के हर जिले में जाता हूं, इसलिए बंगाल का नाम सुनकर मजदूरों से उनके निवास वाले जिले का नाम पूछ लिया था।'
तरीका देखने से पहले धर्म भी पूछ लेते : जयवर्धन
नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि इंदौर के तो पोहे की बात अलग है। इंदौर जब भी आएं, पोहा जरूर खाएं। कैलाशजी तरीका देखने से पहले धर्म भी पूछ लेते हैं, उसमें तो आपको महारत है।